Friday, September 3, 2010

दबे कुचले देश की राष्ट्रीय अध्यक्ष को बधाई

"हम लोगों को हमेशा ही दबे कुचले लोगों के लिए काम करना चाहिए भले ही सत्ता में हों या न हों."

यह बात कह कर सोनिया गांधी नें साबित कर दी की कांग्रेस पार्टी का भला इसी में है कि देश में दबे कुचले लोग ही रहें और जो स्वस्थ, मजबूत  और ताकतवर हों वो देश के नेता बन जाए । सोनिया गांधी बजाय दबे कुचले लोगों की बात कहने के ये कहती कि देश के विकास, अभिमान और समृद्धि के लिये काम करना चाहिये तो शायद ज्यादा अच्छा होता , लेकिन जो महिला स्वयं अपना देश छोडकर दबे कुचले देश की सबसे ताकतवर महिला बन गई हो उसके लिये ये शब्द तुच्छ हैं ।

                                 देश के सांसद अपने वेतन बढाने के लिये एकमत हो जाते हैं और देश के गोदामों में सड रहे अनाज को जनता के बीच मुफ्त बांटने के मुद्दे पर चुप हो जाते हैं । ऐसा केवल उसी देश में हो सकता है जो दबा कुचला हो । हम लोकतांत्रिक देशवासी कहलाते हैं हमें हर बात को खुल कर कहने की आजादी है लेकिन देश में सड रहे अनाजों के भंडार, खेल के पीछे हो रहे भ्रष्टाचार, सडकों पर हो रहे घोटाले, दफ्तरों में चल रहे अन्याय, नेताओं की दादागीरी गुंडो की मनमर्जी हर नागरिक की आजादी छिन लेती है ।
                             

2 comments:

  1. मिश्रा जी शर्म से सर झुक जाता है की समूचा देश इस महिला की वजह से नरक में तब्दील हो गया है ,कोई ईमानदारी से दिल्ली को देखे तो मेरे आरोप की पुष्टि कर देगा ..शर्मनाक है भारत सरकार को पूरी तरह दलाल बना दिया है इस महिला ने ...

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  2. "हम लोगों को हमेशा ही दबे कुचले लोगों के लिए काम करना चाहिए भले ही सत्ता में हों या न हों."










    हाँ जी, पिछले पन्द्रह वर्षों से ये येही तो करती आई हैं......

    इसलिए तो ये इटली से यहाँ आई, नहीं तो आज ब्रिटेन कि महारानी होती.........

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