Tuesday, May 6, 2014

राम के मोदी या मोदी के राम

लोकसभा 2014 मे यह मेरी पहली और इकलौती पोस्ट है जिसे मै आज इसलिये लिखने जा रहा हूँ क्योंकि मोदी ने आज अपना अंतिम ट्रंप कार्ड खेलकर पूरे लोकसभा चुनाव मे अपनी जीत का स्पष्ट दृष्टिकोंण रख दिये हैं । अब इस लोक सभा चुनाव की पूरी तैय्यारी मे सबसे बडी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नरेन्द्र मोदी की चर्चा ही केंद्र बिंदु मे रखते हुए अपन बात करें तो देखते हैं कि एक ओर संपूर्ण विपक्ष है और एक तरफ अकेले मोदी । ना कोई दल ना कोई अन्य नाम सिर्फ और सिर्फ नरेन्द्र मोदी । मोदी ने अपने चुनावी अभियान की शुरूआत करते ही ये आभास दिला दिया था कि उनके पास विपक्ष की हर प्रश्न का उत्तर है औऱ हर वार की काट भी मौजूद है । 
विपक्ष के पास नरेन्द्र मोदी के लिये केवल गोधरा दंगे के अलावा बाकि सारी कहानी केवल झूठ पर टिकि थी मसलन गुजरात मे विकास नही हुआ, गुजरात के किसान आत्महत्या कर रहे हैं , गुजरात मे केवल अमीर उद्योगपतियों को बढावा दिया जा रहा है , गुजरात मे पंजाब के किसानों को मार कर भगाया जा रहा है वगैरह वगैरह ..... 
                                       लेकिन विपक्ष के इन झूठे दावों की पोल हर चुनाव मे मतदान के पहले ही खुल जाती थी और मोदी को बढत मिल जाती थी जिससे विपक्ष का हर दांव खाली चला जाता था, लेकिन एक बात औऱ गौर करने लायक है कि मोदी का साथ ना केवल मानवों की टीम दे रही है बल्कि कोई ना कोई अदृष्य ताकत भी उनके साथ चल रही है जो हर वार का जवाब उन्हे कुदरती तौर पे दे देती है । कांग्रेसी नेता हों या फिर किसी भी दल के नेता ..जिसने भी मोदी जी के खिलाफ मुंह खोला उसे तत्काल किसी ना किसी मुसीबत मे कुरती तौर से मुश्किलों का सामना करना पड गया । दिग्विजय तो मात्र एक उदाहरण है जिन्होने मोदी जी की पत्नि को लेकर कई अंट शंट बयान देते रहे लेकिन कुदरती तौर पे जब उनका चाहरा अमृता राय के नाम के साथ उजागर हुआ तो वह स्वयं सबसे बडे चरित्रहिन व्यक्ति निकले ।  इशी तरह कपिल सिब्बल, चिंदंबरम औऱ आजम और खुर्शीद के विरूद्ध भी कुछ ना कुछ ऐसा होता चला गया जिसमे उन्हे ही मुंह की खानी पडी । 
                                        पं. बंगाल मे ममता के विरूद्ध जब मोदी ने बिगुल फूंका तो ममता नेबांग्लादेशीयों का सपोर्ट करके खुद अपने जीत का रहस्य एक तरह से कबूल कर ली की उनकी सेना बांग्लादेशियो पर ही टिकी हुई है नतीजा आसाम मे हुई 30 मौतों के रूप मे सामने आया ।   और आखिरकार मोदी जी ने कल की फैजाबाद सभा मे राम जी की तस्वीर के सामने भाषण देकर औऱ राम राज्य की बात कह कर विपक्ष और चुनाव आयोग दोनो को एक साथ पटखनी दे दी है । प्रभु राम जी की तस्वीर लगाने से कांग्रेस और तृणमूल ने तो पूरी भाजपा पार्टी को ही बैन करने की बात कह कर खुद अपने पैर पे कुल्हाडी मार लिये हैं । दरअसल ये एक ऐसा दांव है जिसमे समर्थन ना देने वाला वृहद हिंदु वोट एक झटके मे ही गंवा देगा और वो हिंदु वोट यादव, भूमिहार,   औऱ दलितों मे भी बहुलता के साथ हैं । मुस्लिम वोटर  तो इस बार अप्रत्याशित रूप से खामोशी ओढते हुए स्वयं को निष्पक्ष  बताने की कोशिश मे है ताकि मोदी सरकार आने पर वे कह सकें कि हमारे समर्थन के बिना ये सरकार नही बन सकती थी । 
                                          मोदी ने इस चुनाव मे अपना एकदम स्पष्ट नजरिया रखते हुए कार्य किये है जो केवल मजबूत सेना,  मजबूत देश, विकास पूरक देश, समर्थ राष्ट्र,  भ्रष्टाचार मुक्त देश , महंगाई मु्क्त देश और धर्म से ऊंचा राष्ट्र पर आधारित है । इसके विपरित विपक्षी दलों के पास जाति , धर्म और  झूठे विकास के खोखले दावों के अलावा कुछ नही है । विपक्ष केवल गोधरा दंगो के नाम से देश के मुस्लिम वोटरों को मोदी का भय दिखाकर ही वोट हासिल करना  चाहता है जो वर्तमान मे शिक्षित जनता के गले नही उतर रहा । 
                                              अब फैसला तो 16 मई से ही मिलना शुरू होंगे तब तक हम मोदी राम है या राम के मोदी है पर बहस चालू रखेंगे एबीपी और एनडीटीवी के माध्यम से ।

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