From the three water signs will be born a man
who will celbrate Thursday as his holiday.
His renown, praise, rule and power will grow
on land and sea, bringing trouble to the East. I-50
इसमे नास्त्रेदमस ने जो लिखे है वह बहुत ही गूढ है ।
who will celbrate Thursday as his holiday.
His renown, praise, rule and power will grow
on land and sea, bringing trouble to the East. I-50
इसमे नास्त्रेदमस ने जो लिखे है वह बहुत ही गूढ है ।
यदि इसे हम गूगल मे अनुवाद करें तो यह मिलता है -
तीन पानी के संकेत से एक आदमी पैदा हो जाएगा
Earthshaking fire from the centre of the earth
जो उसकी छुट्टी के रूप में गुरुवार मनाएंगे।
उसका यश, स्तुति, शासन और सत्ता में विकसित होगा
पूर्व के लिए मुसीबत लाने भूमि और समुद्र, पर।
अब इसका विश्लेषण करें तो जरा। . चूंकि इसके पूर्व मैने गुरूवार की जगह गुरू की महत्ता वाला समझ कर वह नेता मनमोहन सिंह को समझा था किंतु अब जबकि वह नेता नही रहे, तो उनकी बात नही करके आगे भविष्य के नेता की बात करते हैं । हमारे सनातन धर्म में गुरूओं की महत्ता इतनी अधिक है कि बिना गरू कोई भी कार्य सिद्ध नही किया जाता । हर ग्रंंथ मे गुरूओं की महत्ता बताई गई है और प्राचीन काल मे भारत देश मे गुरूवार को अवकाश रखा जाता था । अब इस दोहे की सीधी व्याख्या करने की कोशिश करते हैं - तीन ओर पानी से घिरे देश ( भारत देश ) में एक महान व्यक्ति पैदा होगा जो गुरूवार के दिन अवकाश रखेगा । उसकी स्तुति गान चहुं ओर होगी और वह पूर्व देश की भूमि और समुद्र को विकसित करने या मिलाने का कार्य करेगा । यदि कोई नेता आकर गुरूवार को अवकाश घोषित करता है तो जाहिर सी बात है वह नास्त्रेदमस की इस भविष्यवाणी का वह प्रमुख नेता बनकर सामने आएगा जिसके पीछे पूरी दुनिया शांति के लिये लडाई लडेगी ।
अब दुसरा दोहा भी देखते हैं -
The penultimate of the surname of the Prophet
Will take Diana for his day and rest:
He will wander far because of a frantic head,
And delivering a great people from subjection. सेंचुरी २-50
अब इसका तोड मरोड किया जाये जरा - इसमे छिपा है पैगंबर के सरनेम के अंत से पहले के नाम वाले व्यक्ति के बारे में। . तो इस पर जरा चिंतन किया जाए कि आखिर पैगंबर कौन है ? ईस्लाम कहता है पैगबंर मुहम्मद है और क्रिश्चियन कहते हैं पैगंबर ईसा हैं … लेकिन तथ्य यह कहते हैं कि पैगंबर यहूदी थे और यहूदी से ही ईसा और मूसा की उत्पत्ति हुई थी । अब हम ईसा मूसा को छोडकर इत्हास के असली पैगंबर यहूदी को माते हुए बात करेंगे क्योंकि कम से कम यह अपवाद नही है । तो यहूदीयों के पैगंबर का नाम मिला है इब्राहिम या अबराहम। .
अब इसका तोड मरोड किया जाये जरा - इसमे छिपा है पैगंबर के सरनेम के अंत से पहले के नाम वाले व्यक्ति के बारे में। . तो इस पर जरा चिंतन किया जाए कि आखिर पैगंबर कौन है ? ईस्लाम कहता है पैगबंर मुहम्मद है और क्रिश्चियन कहते हैं पैगंबर ईसा हैं … लेकिन तथ्य यह कहते हैं कि पैगंबर यहूदी थे और यहूदी से ही ईसा और मूसा की उत्पत्ति हुई थी । अब हम ईसा मूसा को छोडकर इत्हास के असली पैगंबर यहूदी को माते हुए बात करेंगे क्योंकि कम से कम यह अपवाद नही है । तो यहूदीयों के पैगंबर का नाम मिला है इब्राहिम या अबराहम। .
अब अगर पैगंबर इब्राहिम को मान कर चलें तो उनका नाम यदि इब्राहिम है तो उपनाम भी तो कुछ होगा ?? और नास्त्रेदमस की इस पहेली का हल ये है कि पैगंबर के उपनाम से पहले वाला नाम पैंबर का ही नाम होगा यानि इब्राहिम। .... अब इब्राहिम तो मिल गया लेकिन आगे क्या ?
कौन है वह इब्राहिम जो खूबसूरत औरतों ( डायना ) को कभी भी अपनी आरामगाह मे ले जाता है जिसे किसी सिर को काटने मे खूबसूरती दिखती है। । है कोई इब्राहिम नामक ऐसा क्रूर जो खुद को महान समझता हो ?
जी हां। … उस आदमी का नाम है अबु बकर अल बगदादी .......
अरे भाई कुछ भी समझ कर मत छोड दिया करो .. आगे भी पढना सिखो
अबु बक्र अल बगदादी जो खुद को महान (खलीफा) कहलाता है , जिसे कटे सिर की सजावट मे खूबसूरती दिखती है ( यकिन ना हो तो ढेरो विडियो भी देख सकते है जिसमे बडी नजाकत के साथ सिरों को शहर भर मे सजाया जाता है ) वह जो किसी भी खूबसूरत औरत को अपने हरम मे ले जाता है ... उस अबु बकर अल बगदादी का असली और पूरा नाम - इब्राहिम अवाद इब्राहिम अली अल बदरी अल समराई ।
will cause tremors around the New City.
Two great rocks will war for a long time,
then Arethusa will redden a new river.
( I-87)
The year 1999, seventh month, From the sky will come a great King of Terror: To bring back to life the great King of the Mongols, Before and after Mars to reign by good luck.
(X- 58)
At sunrise one will see a great fire,
Noise and light extending towards 'Aquilon:'
Within the circle death and one will hear cries,
Through steel, fire, famine, death awaiting them. (II- 91)
Noise and light extending towards 'Aquilon:'
Within the circle death and one will hear cries,
Through steel, fire, famine, death awaiting them. (II- 91)
ऊपर तीन अलग अलग सेंचुरी मे लिखी हुई पहेली है और यदि इन तीनों को आप आपस मे जोडकर एक बनायें तो यह बनता है कि 1999 के सातवें महिने में आसमान से आतंक का महान राजा (मंगोल कहा गया गया ) आएगा । सूर्योदय से एक पर एक बड़ी आग देखेंगे, शोर और दिखेगा विशाल रोशनी का गोला । वृत्त मौत के भीतर और एक रोता सुना होगा, स्टील, आग, अकाल, मृत्यु के माध्यम से । धरती के केन्द्र से दो विशाल चट्टानें एक युद्ध का कारण बनेंगी । क्या न्यूयार्क का वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर जो दुनिया का मुख्य व्यवसायिक केन्द्र भी था... वह दो विशाल चट्टानो की तरह धराशाही नही हुआ ? आतंक के विरूद्ध मुख्य लडाई इसी कारण से शुरू हो सकी वरना हम आज भी अमेरिका को आतंक का समर्थन करते देखते ।
ये तो केवल एक उदाहरण है जो भविष्य में पूरा उतरा । नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी को समझने के लिये तात्कालिन घटनाक्रम को समझना होता है और उसी से यह अऩुमान लगाया जा सकता है कि आगे क्या होगा ।
अब क्या - यदि देखें तो नास्त्रेदमस ने तीसरे महायुद्ध का विधिवत एळान का वह समय दिये हैं जब समुद्र मे महाशक्ति के जलपोत को डुबा दिया जाएगा ... यानि इस समय आतंक के विरू्दध चल रही लडाई मे किसी मजबूत राष्ट्र के जलपोत पर आतंकी हमला करके उसे तबाह कर देंगे जिसके बाद तीसरे महायुद्ध का एलान करते हुए दुनिया आततायियों के विरूद्ध एकजूट होकर लडेगी ... इसी बीच मे उल्लेख है कि - "" जब यह सब कुछ हो रहा होगा तो एक पूर्वी देश का राष्ट्रध्यक्ष विश्व के सारे देशों को एकजुटता से बांध रहा होगा । उसके पीछे दुनिया का हर देश खडे होगा और चीनी-अरब गठबंधन से लडेगा "" जाहिर सी बात है कि जब चीन अरबों का साथ दे रहा होगा तो वह तो दुनिया को नही बांधेगा और इस समय मोदी जी के अलावा दुसरा कोई ऐसा नेता नही है जिसकी बात दुनिया सुन और मान रही हो ।
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